Govind Damodar Madhaveti lyrics - Pujya Shri Indresh Upadhyay Ji - श्री गोविन्द दामोदर स्तोत्रम - Shri Govind Damodar Stotram

- Govind Damodar Madhaveti lyrics 
- Pujya Shri Indresh Upadhyay Ji 

|| श्री गोविन्द दामोदर स्तोत्रम ||

करारविन्देन पदार्विन्दं, मुखार्विन्दे विनिवेश यन्तम्।

वटस्य पत्रस्य पुटेशयानं, बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि॥ (1)


श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेव।

जिव्हे पिबस्वा मृतमेव देव, गोविन्द दामोदर माधवेति॥ (2)


विक्रे तुकामा खिल गोपकन्या, मुरारि पादार्पित चित्त वृतिः। 

दध्यादिकं मोहावशाद वोचद्, गोविन्द दामोदर माधवेति॥ (3)



गृहे-गृहे गोपवधू कदम्बा:, सर्वे मिलित्वा समवाप्य योगम्। 

पुण्यानि नामानि पठन्ति नित्यं, गोविन्द दामोदर माधवेति॥ (4)


सुखं शयाना निलये निजेऽपि, नामानि विष्णोः प्रवदन्ति मर्त्याः। 

ते निश्चितं तन्मयतमां व्रजन्ति, गोविन्द दामोदर माधवेति॥ (5)


जिह्‍वे दैवं भज सुन्दराणि, नामानि कृष्णस्य मनोहराणि। 

समस्त भक्तार्ति विनाशनानि, गोविन्द दामोदर माधवेति॥ (6)


सुखावसाने इदमेव सारं, दुःखावसाने इदमेव ज्ञेयम्। 

देहावसाने इदमेव जाप्यं, गोविन्द दामोदर माधवेति॥ (7)



जिह्‍वे रसज्ञे मधुरप्रिया त्वं, सत्यं हितं त्वां परमं वदामि। 

आवर्णये त्वं मधुराक्षराणि, गोविन्द दामोदर माधवेति॥ (8)


श्रीनाथ विश्वेश्वर विश्व मुर्ते श्री देवकीनन्दन दैत्य शत्रु । 

जिव्हे पिबस्वा मृतमेव देव, गोविन्द दामोदर माधवेति॥ (10)


श्री कृष्ण राधावर गोकुलेश, गोपाल गोवर्धन नाथ विष्णो। 

जिह्‍वे पिबस्वा मृतमेवदेवं, गोविन्द दामोदर माधवेति॥ (11)


श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेव...



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