इनके बिन मोहे कल ना परत है
जानत मेरी छाती ऊंचे चढ़ चढ़ पंथ निहारु रोए रोए अंखिया प्यासी गिरधर जनम जनम का साथी याए नाए बिसरु में दिनराती गिरधर जनम जनम का साथी यह संसार सकल जग जूठा जूठा कुल रा ज्ञाता मीरा के प्रभु गिरधर नागर हरि चरना चित राखी गिरधर जनम जनम का साथी याए नाए बिसरु में दिनराती गिरधर जनम जनम का साथी