Mai nahi mera nahi yah tan kisi ka hai diya lyrics by indresh Upadhyay - में नहीं मेरा नहीं

 



मैं नहीं, मेरा नहीं, यह तन किसी का है दिया । जो भी अपने पास है, वह धन किसी का है दिया ॥ देने वाले ने दिया, वह भी दिया किस शान से । मेरा है यह लेने वाला, कह उठा अभिमान से मैं, मेरा यह कहने वाला, मन किसी का है दिया । मैं नहीं, मेरा नहीं, यह तन किसी का है दिया । जो मिला है वह हमेशा, पास रह सकता नहीं । कब बिछुड़ जाये यह कोई, राज कह सकता नहीं । जिन्दगानी का खिला, मधुबन किसी का है दिया । मैं नहीं, मेरा नहीं, यह तन किसी का है दिया । जग की सेवा खोज अपनी, प्रीत हरि से कीजिये । जिन्दगी एक राज है, यह जानकर जी लीजिये । साधना की राह पर, साधन किसी का है दिया । मैं नहीं, मेरा नहीं, यह तन किसी का है दिया ।

Mai nahi mera nahi yah tan kisi ka hai diya lyrics by indresh Upadhyay

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