नाचे नन्दलाल, नचावे हरि की मैय्या ॥
नचावे हरि की मैय्या, नचावे प्रभु की मैय्या ॥ ढूध न पीवे लाला, दही हूं न खावे ॥ माखन-मिसरी को, बड़ो रे खवैईया॥ नाचे नन्दलाल, नचावे हरि की मैय्या ॥ नचावे हरि की मैय्या, नचावे प्रभु की मैय्या ॥ टोपी न पेहरे लाला फैटा ना बांधे ॥ मोर-मुकुट को है, बडो रे पहरैया ॥ नाचे नन्दलाल, नचावे हरि की मैय्या ॥ शोल ना ओढ़े लाला, पजामा ना पेहरै ॥ पिताम्बर को है, बडो रे पहरैईया॥ नाचे नन्दलाल, नचावे हरि की मैय्या॥ चंद्रसखी लख बाल कृष्ण छवी हस हस कंठ लगावे हरि की मैय्या॥ नाचे नन्दलाल, नचावे हरि की मैय्या॥ नचावे हरि की मैय्या, नचावे प्रभु की मैय्या ॥Nache nandlal nachave hari ki maiyya by indresh Upadhyay with lyrics
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इंद्रेश उपाध्याय जी