पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया - भजन (Paar Karenge Naiya Bhaj Krishna Kanhaiya) इंद्रेश उपाध्याय जी (Indresh Upadhyay Ji)


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पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया । 

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया । 
निस दिन भज गोपाल प्यारे, 
मोर मुकुट पीतांबर वारे । 
भगतो के रखवैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥ 

पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।
स्वास स्वांस भज नन्द दुलारे,
वो ही बिगड़े काज सवारे ।
नटवर चतुर रिझईया, भज कृष्ण कन्हैया ॥
पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।


अर्जुन के रथ हाकन वारे,
यशोदा जी के प्राण प्यारे ।
मन हर मुरली बजईया, भज कृष्ण कन्हैया ॥
पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।

ग्वाल बाल संग धेनु रचावे,
लूट लूट दधी माखन खावे ।
चमत्कार करवैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥
पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।

नरसी जी ने टेर लगायी,
सावल शाह नहीं देर लगायी ।
ऐसे भात भरिया, भज कृष्ण कन्हैया ॥
पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।

संकट से प्रह्लाद उभारो,
संकट से हम को भी उभारो ।
खम्ब फाड़ हरिण्यकश्पू मारो,
नरसिह रूप धरैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥
पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।

अबला को देवे शरण ना कोई,
भरी सभा में द्रोपती रोई ।
पहुंचे चीर बढ़िया, भज कृष्ण कन्हैया ॥
पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।

विप्र सुदामा चावल लाए,
प्रेम सेहत हरी भोग लगाए ।
दीन सुदामा गले लगाए,
कह कर भैया भैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥
पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।

वन में एक शिला थी भरी,
चरण छुवाय अहिल्या तारी ।
ऐसे भई बैकुंठ पठाइया, भज कृष्ण कन्हैया ॥
पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।

दीनानाथ शरण हितकारी,
संकट मोचन कृष्ण मुरारी ।
भगत जनो का रखवैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥
पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।

बाल कृष्ण गोपाल हमारो,
बृज वासिन को प्राण पयारो ।
बृज गोपिन को हृदय दुलारो,
नन्द महल को छैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥
पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।

मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर,
सूर कहे मेरा नटवर नागर ।
दास कहे मेरा नटवर नागर,
घट घट वास करिया, भज कृष्ण कन्हैया ॥
पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।

द्रुपत सुता दुष्टो ने घेरी,
आए नाथ करी ना देरी ।
तुरत लगायी चीर की ढ़ेरी,
भगतन के दुःख हरिया, भज कृष्ण कन्हैया ॥
पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।

गोपिन के संग रास रचायो,
काम देव याने मार भगाओ ।
कलियन नाग नचैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥
पार करेंगे नैया भज कृष्ण कन्हैया ।

गज और ग्राह लड़े जल भीतर,
गज की टेर सुनी मेरे नटवर ।
गज के फंद छुड़ैया, भज कृष्ण कन्हैया ॥
पार करेंगे नैया...


Paar Karenge Naiya Bhaj Krishna Kanhaiya lyrics by indresh upadhyay bhajan 

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