Vrindavan ek sundar jodi lyrics by shri Indresh Upadhyay ji

वृन्दावन एक सुन्दर जोडी

वृन्दावन एक सुन्दर जोडी। खेलत जहां तहां वंशीवट, नंदनंदन वृषभानु किशोरी। वृन्दावन एक सुन्दर जोडी।। भुवन चतुर्दश की सुन्दरता, सुन्दर स्याम राधिका गोरी। जै श्रीभट देख लौं वरनौं, रसना एक नहीं लख कोरी। वृन्दावन एक सुन्दर जोडी।। श्री वृंदावन धाम में एक अति ही सुंदर युगल विराजमान है। जो बंशीवट के निकट रमणीय स्थान पर केलि परायण विहरन करते हैं। उनमें से एक तो नंदनंदन श्री श्यामसुंदर हैं और दूसरे वृषभानु दुलारी श्री किशोरी जु हैं। चौदह लोकों की संपूर्ण सुंदरता भी रंग वर्णा श्री राधा और सांवले सरकार श्री कृष्ण पर न्योछावर है। श्री भट्ट देवाचार्य कहते हैं "आखिरकार, किस सीमा तक मैं इसका वर्णन कर सकता हूं, क्योंकि वृंदावन और दिव्य द्वय की महिमा का वर्णन करना असंभव है, भले ही मुझे शाश्वत कोटि रसना (जीभ) क्यों ना प्राप्त हो जाएं।" Vrindavan ek sundar jodi by Indresh Upadhyay with lyrics

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