हरि हम कब होंगे ब्रजवासी
हरी हम कब होंगे ब्रज वासीहरी हम कब होंगे ब्रज वासी।।
ठाकुर नंद किशोर हमारे,और ठकुरानी राधा सी।हरी हम कब होंगे ब्रज वासी।।
वंशीवट की शीतल छैय्या,सुगम व यमुना सी।हरी हम कब होंगे ब्रज वासी।।
सखी सहेली नीकी मिली है,हरी वन्शी हरि दासी।हरी हम कब होंगे ब्रज वासी।।
इतनी आश व्यास की पुजवउ,श्री वृन्दाविपिन विलासी।हरी हम कब होंगे ब्रज वासी।।
Hari hum kab honge brajwasi by Indresh Upadhyay with lyrics
- हरि हम कब होंगे ब्रजवासी