Shiv Ji Aarti Lyrics In Hindi jai shiv omkara lyrics


 

शिव जी की आरती हिन्दू धर्म में भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा प्रकट करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। यह आरती भगवान शिव की महिमा, उनके अद्वितीय गुण और उनकी कृपा को उजागर करती है। विशेष अवसरों पर, जैसे महाशिवरात्रि या शिवरात्रि के दिन, यह आरती विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ की जाती है।

॥ शिवजी की आरती ॥

ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥

ॐ जय शिव ओंकारा....॥


एकानन चतुराननपञ्चानन राजे।

हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे॥

ॐ जय शिव ओंकारा....॥

दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे।

त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे॥

ॐ जय शिव ओंकारा...॥


अक्षमाला वनमालामुण्डमाला धारी।

त्रिपुरारी कंसारीकर माला धारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा....॥


श्वेताम्बर पीताम्बरबाघम्बर अंगे।

सनकादिक गरुणादिकभूतादिक संगे॥

ॐ जय शिव ओंकारा....॥

कर के मध्य कमण्डलुचक्र त्रिशूलधारी।

सुखकारी दुखहारीजगपालन कारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा....॥


ब्रह्मा विष्णु सदाशिवजानत अविवेका।

प्रणवाक्षर मध्येये तीनों एका॥

ॐ जय शिव ओंकारा....॥


लक्ष्मी व सावित्रीपार्वती संगा।

पार्वती अर्द्धांगी,शिवलहरी गंगा॥

ॐ जय शिव ओंकारा....॥


पर्वत सोहैं पार्वती,शंकर कैलासा।

भांग धतूर का भोजन,भस्मी में वासा॥

ॐ जय शिव ओंकारा....॥


जटा में गंगा बहत है,गल मुण्डन माला।

शेष नाग लिपटावत,ओढ़त मृगछाला॥

ॐ जय शिव ओंकारा....॥


काशी में विराजे विश्वनाथ,नन्दी ब्रह्मचारी।

नित उठ दर्शन पावत,महिमा अति भारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा....॥


त्रिगुणस्वामी जी की आरतीजो कोइ नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी,मनवान्छित फल पावे॥

ॐ जय शिव ओंकारा....॥


शिव जी की आरती आमतौर पर पूजा के अंत में गायी जाती है और यह भक्तों को दिव्य ऊर्जा, शांति और समृद्धि प्रदान करती है। शिव जी की आरती से उनकी महिमा का गुणगान होता है और भक्तों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है।

Post a Comment

Previous Post Next Post