तुलसी माता की आरती देवी तुलसी की पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। तुलसी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इसे पवित्र पौधा माना जाता है। तुलसी माता की पूजा विशेष रूप से कार्तिक मास में और हर दिन सुबह-शाम की जाती है।
-: तुलसी माता की आरती :-
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
धन तुलसी पूरण तप कीनो,
शालिग्राम बनी पटरानी ।
जाके पत्र मंजरी कोमल,
श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
धूप-दीप-नवैद्य आरती,
पुष्पन की वर्षा बरसानी ।
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,
बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
सभी सखी मैया तेरो यश गावें,
भक्तिदान दीजै महारानी ।
नमो-नमो तुलसी महारानी,
तुलसी महारानी नमो-नमो ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
तुलसी माता का महत्व:
- पवित्रता और आध्यात्मिक ऊर्जा: तुलसी माता को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है और इनकी पूजा से घर में पवित्रता और शांति का वास होता है।
- स्वास्थ्य और समृद्धि: तुलसी को औषधीय गुणों का भंडार माना जाता है। इसकी पूजा से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- पापों का नाश: तुलसी माता की पूजा और आरती से पापों का नाश होता है और परिवार पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है।
तुलसी आरती करने का तरीका:
- तुलसी पूजन स्थान तैयार करें: तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं और धूप रखें।
- सामग्री अर्पण करें: तुलसी को कुमकुम, चावल, फूल, और जल चढ़ाएं।
- आरती गाएं: घंटी बजाते हुए तुलसी माता की आरती करें।
- परिक्रमा करें: तुलसी के पौधे की परिक्रमा करना शुभ माना जाता है।